अंशुल भाटिया |
लुधियाना, 27 मार्च, 2022 (दिनेश मौदगिल): विश्व रंगमंच दिवस यानी कि वर्ल्ड थिएटर डे 27 मार्च को मनाया जाता है। यह दिन रंगमंच की अपनी पहचान और रंगमंच को बढ़ावा देने के लिए तथा रंगमंच के कलाकारों के सम्मान के लिए मनाया जाता है। थिएटर के महत्व को विश्व स्तर पर अपनी एक अलग पहचान देने के लिए 1961 में इंटरनेशनल थिएटर इंस्टिट्यूट की नींव रखी गई और आज विश्व के अलग-अलग देशों में अपने अपने स्तर पर कलाकार इस दिन को मनाते हैं।
प्रसिद्ध एक्टर और थिएटर कलाकार अंशुल भाटिया ने इस दिन के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि यह दिन थिएटर कलाकारों के लिए की जिंदगी में काफी महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। एक कलाकार जो थिएटर से सीखता है जहां उसकी पर्सनैलिटी में निखार आता है, वहीं इसके साथ कलाकार की कला में भी काफी चमक आती है।
अंशुल ने बताया कि कई बार फिल्मी कैमरे का सामना करते हुए एक्टर में वह कॉन्फिडेंस नहीं होता, मगर जब रंगमंच किया हुआ कलाकार कैमरे के सामने जाता है तो उसमें एक अलग तरह से ही कॉन्फिडेंस होता है, क्योंकि उसने रंगमंच के द्वारा अलग-अलग किरदार निभाकर अपने आप में यह कॉन्फिडेंस बनाया होता है।
अंशुल ने बताया कि एक स्टार और एक एक्टर में काफी फर्क होता है।मगर जब रंगमंच का कलाकार सिनेमा के कैमरे के सामने एक्टिंग करता है तो वह किरदार में जान डाल देता है । थिएटर कलाकार हर किरदार निभाने में सक्षम होता है , क्योंकि वह रंगमंच के जरिए बहुत सी चीजों को सीख लेता है और अलग-अलग किरदारों को जीता है।
अंशुल ने बताया कि इसी वजह से वह खुद आज इंडस्ट्री में जब जाते हैं तो रंगमंच की बैकग्राउंड काम आती है। बॉलीवुड में रंगमंच से निकले हुए कई कलाकार हैं। जिनकी एक्टिंग को एक अलग ही प्रशंसा मिलती है। जिनमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नसीरुद्दीन शाह, राजपाल यादव, आशीष विद्यार्थी और यहां तक कि बॉलीवुड किंग शाहरुख खान ने भी शुरू में दिल्ली में थिएटर किया है और आज ऐसे नाम एक्टिंग के क्षेत्र में ऊंचाइयों को छू रहे हैं।