मोहाली, 05 फरवरी 2022 (न्यूज़ टीम): चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज, लांडरां ने साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट द्वारा प्रायोजित "जिओ-हेल्थ" विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की जिओ इनोवेशन चैलेंज का आयोजन किया। हाइब्रिड मॉडल को खास कर डिज़ाइन किया गया जिस से यह चुनौती विशेष रूप से युवा डॉक्टरेट को राष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए नवीन विचारों के साथ की आगे आने, प्रोत्साहित करने और पोषित करने के लिए थी जो आज की जटिल और विकसित सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए उत्तरदायी है। प्रतिभागी संभावित समाधानों पर विचार करने और सहयोग करने के लिए नवीन शिक्षण प्रथाओं के साथ सामने आए। इस तीन दिवसीय जिओ इनोवेशन चुनौती के लिए 40 से अधिक डॉक्टरेट और अनुसंधान विद्वानों ने अपने सार पंजीकृत किए, जिनमें से 25 प्रतिभागियों को अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए चुना गया।
टीमों ने जूरी सदस्यों को अपने अनूठे विचार प्रस्तुत किए जिनमें अकादमिक, शोध क्षेत्र, उद्योग और सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे जिन्होंने उन्हें दिए गए पैरामीटर्स के आधार पर आंका। जूरी सदस्यों के मूल्यांकन के आधार पर 12000 रुपये का प्रथम पुरस्कार डॉ. ब्रह्मा दत्त विश्वकर्मा, सहायक प्रोफेसर, भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर को प्रदान किया गया। 8000 रुपये का दूसरा पुरस्कार डॉ. सिमरप्रीत कौर, सहायक प्रोफेसर, चंडीगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज, मोहाली को और तीसरा 5000 रुपये का पुरस्कार डॉ. सरबप्रीत कौर, प्रोफेसर और डॉ. रजनीश तलवार, निदेशक चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेज, झंजेरी को दिया गया।
डॉ. शुभा पांडे, वैज्ञानिक डी, राष्ट्रीय भू-स्थानिक कार्यक्रम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रतिभागियों को देश में समग्र सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए और अधिक नवीन विचारों के साथ आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. एच.एस. गुसैन, वैज्ञानिक, डीआरडीओ ने इस अवसर में उपस्थित रहकर शोभा बढ़ाई और सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में सुधार के लिए उपयोग की जा रही नवीनतम भू-स्थानिक तकनीकों को साझा किया।
समापन समारोह में विद्यार्थियों के प्रभावशाली विचारों की सराहना करते हुए डॉ. जे.एस. सैनी, पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख उद्यमिता विकास सेल एनआईटीटीटीआर, चंडीगढ़ ने विजेताओं और आयोजकों को चुनौती के सफल समापन के लिए बधाई दी।